2023, Vol. 4, Issue 1, Part A
पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का बदलता सामाजिक परिदृषà¥à¤¯
Author(s): डाॅ0 दिलीप कà¥à¤®à¤¾à¤° पासवान
Abstract: पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का आरमà¥à¤ मेरी नज़र में तब से हà¥à¤† जब मानव ने नगाड़े बजा-बजा कर अपने सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ शà¥à¤°à¥‚ किये। और तब से लेकर आज तक अनगिनत सोपानों को पार कर अपने परिषà¥à¤•à¥ƒà¤¤ रूप में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का हर माधà¥à¤¯à¤® अपने-अपने नगाड़े बजा कर डंके की चोट पर अपने सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दृशà¥à¤¯ और शà¥à¤°à¤µà¥à¤¯ रूप में पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कर रहा है। आज इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• मीडिया के यà¥à¤— में जहाठपतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प अपने आप में पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ लिठहà¥à¤ है वहीं पर उस पर कई आरोप à¤à¥€ लग रहे हैं, जिससे अंततरू आम आदमी ही पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होता दिखाई पड़ता है- फिर चाहे वह माधà¥à¤¯à¤® दृशà¥à¤¯ हो या शà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥¤
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डाॅ0 दिलीप कà¥à¤®à¤¾à¤° पासवान. पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का बदलता सामाजिक परिदृषà¥à¤¯. International Journal of Advanced Mass Communication and Journalism. 2023; 4(1): 31-34.